१८
२०१३
मार्च
|
क्रोयेसिया
|
हम जो सृष्टि के बारे
में जानते हैं वह बहुत ही छोटा है, जो हम नहीं जानते उसके मुकाबले में| जो हम नहीं
जानते वह बहुत अधिक है, और ध्यान उस अज्ञात ज्ञान का द्वार है| इस नए पहलू से हाथ मिलाइए|
ध्यान हमें बहुत से लाभ देता है|
पहला, यह बहुत शान्ति
और प्रसन्नता लाता है| दूसरा, यह सर्वस्व प्रेम का भाव लाता है| तीसरा, यह सृजनशक्ति,
अंतर्दृष्टि, और इस भौतिक संसार के परे का ज्ञान लाता है| शिशुओं के रूप म एँ, हम सब
में कुछ विशेष तरंगें थीं| विश्व भर में सब जगह, बच्चे आपको आकर्षित करते हैं| उनमें
एक विशेष शुद्धता, एक विशेष कंपन होता है| वे इतने विशिष्ट होते हैं| जैसे हम बड़े होते
हैं, कहीं न कहीं हम उस ऊर्जा से, उस उत्साह से अलग हो जाते हैं, जिसके साथ हम जन्मे
थे|
क्या आप सबको ऐसा अनुभव
हुआ है, कि बिना कारण आपको कुछ लोगों के प्रति घृणा होती है, और किसी स्पष्ट कारण बिना
ही आप कुछ लोगों की ओर आकर्षित होते हैं? क्या ऐसा नहीं हुआ आपके साथ? हर दिन यह होता
है; हर समय| यह इसलिए होता है क्योंकि हमारा सारा जीवन कम्पनों पर आधारित है|
एक विशेष कंपन है जो हम
में से हर व्यक्ति प्रस्फुटित करता है| हर व्यक्ति कंपन प्रस्फुटित कर रहा है| जब हमारा
मस्तिष्क अटक जाता है, हमारी ऊर्जा नकारात्मक हो जाती है| जब मन स्वछन्द होता है, तो
यह ऊर्जा सकारात्मक होती है| ना घर, ना विद्यालय; कोई भी हमें नहीं सिखाता इस ऊर्जा
को सकारात्मक कैसे बनाएँ, है ना?
हमें सीखना है कैसे नकारात्मकता,
क्रोध, ईर्ष्या, लोभ, कुंठा, उदासीनता आदि को सकारात्मकता में बदलें| और यहाँ, सांस
लेने की प्रक्रिया से सहायता होती है|
कुछ सांस लेने की प्रतिक्रियाओं
और ध्यान द्वारा, हम नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा बना सकते हैं| और जबी हम सकारात्मक
और प्रसन्न होते हैं, हम अपने आस पास प्रसन्नता फैलाते हैं| यह एक स्तर है, ध्यान का
सांसारिक और सबसे अनिवार्य लाभ|
जैसा मैंने कहा, ध्यान
के और भी लाभ हैं| जब हम अधिक सृजनात्मक, अंतर्ज्ञानी होना चाहते हैं, और जब हम जानना
चाहते हैं कि पांच से दस वर्ष बाद हमारे साथ क्या होने वाला है, तब ध्यान ही उत्तर
है|
जीवन को बड़े दृष्टिकोण
से देखने के लिए थोड़ा अधिक प्रयत्न आवश्यक है, अर्थात, प्रयत्नहीन प्रयत्न (ध्यान)|
बल्कि, यह प्रयत्न भी नहीं है, बस और समय की बात है| हमें एक सप्ताह से दस दिन तक का
समय लेने की आवश्यकता है, जिसमें हम अपने जीवन के रहस्यमयी और आध्यात्मिक क्षेत्र में
गहराई से जा सकें| मैं आपको बता सकता हूँ,
यह आपको इतना शक्तिशाली, शांत और संतुष्ट बना देगा|
प्राचीन काल में लोग यह
ध्यान का ज्ञान सब के साथ नहीं बांटते थे| वे इसको रहस्य रखते थे, और केवल कुछ विशेषाधिकृत
लोगों के पास ही यह था|
साधारणतः इसे राजस्वी
और अति बौधिक लोगों को ही दिया जाता था| मैंने हटकर सोचा| मैंने सोचा, यह संपत्ति सारी
मानव जाति की है, और हर व्यक्ति को इसे सीखना चाहिए| यह किसी एक समाज, एक सभ्यता, एक
धर्मं या एक राष्ट्र की संपत्ति नहीं है, यह सारी मानव जाति की है| फिर हमने इस सुन्दर
ज्ञान को विश्व में फैलाना शुरू किया, और आज, विश्व भर के लोग इसका लाभ उठा रहे हैं|
बीस वर्ष पहले, जब मैं
यहाँ था, इतनी अनिश्चितता थी| लोग पूछ रहे थे, “क्या होगा? हम एक बहुत नवीन राष्ट्र
हैं”| मैंने कहा, “चिंता मत करो, राष्ट्र उन्नति करेगा, और बहुत सुदृढ़ हो जायेगा”|
मैं जानता हूँ आज विश्व भर में घोर संकर है| और मैं फिर आपको कह रहा हूँ, चिंता मत
करिये! हम इस कठिन समय को पार कर लेंगे, और फिर से उजाला होगा|
मुझे लगता है यह मेरा
स्वाभाव बन गया है, जब कहीं कोई संकट हो, मुझे वहां जा कर कहना है, “कोई संकट नहीं
होगा| सब कुछ सुधर जायेगा”, और ऐसा होता भी है| सब कुछ सुधर जाता है|
अमरीका में, १९९९ में,
लोगों ने सोचा कि वर्ष २००० में सृष्टि समाप्त हो जायेगी| लोग दूध का पावडर और सब्जियां
अपने घरों के तहखानो में जमा कर रहे थे| बहुत से लोग जो अमरीका के पश्चिमी तट पर रह
रहे थे, वे अपने घर बेच कर कोलोराडो आ रहे थे| मैं इतने सारे शहरों में घूमा और मैंने
कहा, “चिंता मत करो, कुछ नहीं होगा| सब सामान्य रहेगा”, और सब कुछ सामान्य ही है|
सृष्टि ने हर व्यक्ति
के मन की गहराईओं में ऐसी संपत्ति रखी है, हमें केवल एक चाहियेसंकेट शब्द चाहिए, और
यह है अवह शब्द जिसका आप सबको संकेत दे सकते हैं, “चिंता मत करिये”| ब्रह्माण्ड में
एक शक्ति है, एक ऊर्जा है जो आपको आपके माता पिता से, मित्रों से या जीवन साथी से भी
अधिक प्रेम करती है| एक क्षेत्र है, एक ऊर्जा है जो आपका ख्याल रखती है| आपको केवल
शांत रहना है|
हमारी चेतना बहुत पुरानी
है, प्राचीन है| थर्मो डाईनैमिक्स के तीसरे नियम के हिसाब से, हम जानते हैं की ऊर्जा
का न तो सृजन हो सकता है, ना विनाश| मन भी ऐसी ही एक शक्ति है, जो बहुत समय से है और
इस चेतना में बहुत सी छवियाँ बस जाती हैं|
और इन सब का अध्ययन बहुत
रोचक है|
जब मैं दुनिया में सफर
करता हूँ, मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं अपरिचितों से मिल रहा हूँ| मुझे लगता है वे मेरा
ही अंश हैं और मैं उन्हें जानता हूँ| हम एक दूसरे का नाम न जानते हों, पर हम एक दूसरे
की आत्मा को पहचानते हैं; हम वह बंधन महसूस करते हैं| मुझे हमेशा लगा है कि हम एक ही
परिवार के हैं, हम सब एक दूसरे को जानते हैं|
एक और बात मैं आपको कहना
चाहूँगा, वह है शंका के बारे में| शंकाएं सदैव किसी सकारात्मक बात के लिए होती हैं|
यदि कोई आपको कहता है, “मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ”, तो आप क्या कहते हैं? “सच में?”
यदि कोई आपको कहता है,
“मैं आपसे घृणा करता हूँ”, आप कभी नहीं कहते, “सच में?”
हम एक व्यक्ति की सच्चाई
पर संदेह करते हैं, पर हम किसी की कपटता पर कभी संदेह नहीं करते| उसी प्रकार, आप अपनी
क्षमताओं पर संदेह करते हैं, आप कभी अपनी दुर्बलता पर संदेह नहीं करते, है न?
जब आप प्रसन्न होते हैं,
आप पूछते हैं, “क्या यह सच है? क्या मैं सपना देख रहा हूँ?” पर जब आप दुखी होते हैं,
आप नहीं पूछते, “क्या यह सच है?” आप अपनी उदासीनता से इतने विश्वस्त होते हैं| हम कभी
अपनी उदासीनता पर संदेह नहीं करते! इस लिए, शंका हमेशा किसी सकारात्मक बात पर ही होती
है| हम किसी नकारात्मक बात पर संदेह नहीं करते| एक बुद्धिमान व्यक्ति इसको घुमा देता
है, और नकारात्मक पर संदेह करने लगता है|
यदि कोई आता है और आपको
कहता है कि कोई आपके बारे में बुरी बातें कह रहा था, आप एकदम इस पर विश्वास कर लेते
हैं|ऐसा मत करिये| कहिये, “नहीं, मैं नहीं मानता”, और आप उस व्यक्ति को फोन करके बोलिए,
“कोई मुझे बता रहा है कि आपने मेरे बारे में बुरी बातें कही हैं, पर मैं विश्वास नहीं
करता”|
जब आप यह कहेंगे, यदि
उस व्यक्ति ने बुरी बातें कही भी हैं, उसका मन बदल जायेगा|
यदि किसी व्यक्ति का संस्थापन
ठीक नहीं होता, इसका असर परिवार पर पड़ता है| ऐसे बहुत से प्रभावित परिवारों से समाज
और राष्ट्र प्रभावित हो जाते हैं| ज्ञान और बुद्धि लोगों को शक्ति देते हैं और लोगों
को मुस्कुराने में सहायक होते हैं, चाहे कोई भी चुनौती हो| आर्ट ऑफ लिविंग यही है,
कैसे मुस्कुराहट को ताज़ा और जिंदा रखें, और समाज की सेवा करते रहें| मुस्कुराइए और
सेवा करिये|
मैं आप सबसे आपकी कोई
चिंता या असुविधा हो वह लेने आया हूँ| मैं आपके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट देखना
चाहता हूँ|एक बड़ी सी मुस्कान के साथ लौटिये| अपनी सारी चिंताएं मुझे दे दीजिए| मैं
आपके साथ हूँ| जब भी आपको लगे कि आपके जीवन में कोई संकट है, और आप स्वयं को अकेला
महसूस करें, यह जान लीजिए कि आप अकेले नहीं हैं, मैं आपके साथ हूँ| मुझे अपनी परेशानियां
दे दीजिए और मैं आपको मुस्कुराते हुए और सेवा करते हुए देखना चाहता हूँ|
प्रश्न – कृपया हमें धरती में इस समय होने वाले बदलावों के बारे में
बताइए|
श्री श्री – हाँ| धरती सदा बदलती रहती है| पर जो मनुष्य जाति ने पर्यावरण
के साथ किया है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है|
हमने कितने बारूद बिछाए
हैं खानें बनाने के लिए, धरती की गहराईयों से खोदने के लिए| भूकंप, सुनामी, और ये सारे
विनाश जो आप देख रहे हैं, इसी कारण शुरू हुए हैं| इस लिए, हमें पर्यावरण का ख्याल करने
की ज़रूरत है| यदि हम पर्यावरण की रक्षा नहीं करते हैं और अपने ग्रह का ख्याल नहीं रखते,
यह हमारे लिए और अधिक चुनौतियां कड़ी कर देगा|
देखिये, कुछ विषय हैं
जिसका उत्तरदाइत्व हमें लेना होगा|
१. पर्यावरण: हम अपने
खेतों में कितने रसायन डालते हैं, कि जो खाना हम उगाते हैं वह खाने के लायक भी नहीं
रहा| आप में से कितने लोगों के शरीर में दर्द है? क्या आप जानते हैं यह क्यों है?जो
खाना हम खाते हैं उस में बहुत अधिक कीटनाशक और रसायन होते हैं| केवल सब्जियों को बड़े
आकार का बनाने के लिए हम इतने रासायनिक खाद डालते हैं, जो हमारे शरीर के लिए अच्छे
नहीं होते| मैं चाहूँगा यह ग्रह जैविक हो जाये|
आप जानते हैं, कुछ प्राचीन
खेती की विधियां हैं भारत में, जो मैं अब भारत में बहुत तीव्रता से प्रचारित कर रहा
हूँ| इस से इतना बदलाव आया है! इसने उपज को लगभग ३-३.५ गुना बढ़ाया है, बिना किसी लागत के| हम इसे शून्य
लागत खेती कहते हैं| किसान को न पैसा उधर लेना पड़ता है, ना खाद डालनी पड़ती है न रसायन|
केवल कुछ प्राकृतिक पदार्थों, अपुधों और खाद से वह सब्जियां और अनाज उगा सकता है बहुत
ही कम लागत पैर, और अधिक मात्र और अधिक गुणवत्ता के साथ|
आर्ट ऑफ लिविंग यह ज्ञान
क्रोएशिया में किसी भी व्यक्ति के साथ, जो खेती करना चाहे, खुशी से बांटना चाहेगा|
हम उनके साथ यह बांटना
चाहेगा और उन्हें दिखायेगा कैसे हम एक प्रतिमान कृषि भूमि बना सकते हैं; कम लागत और
अधिक उपज वाली|
आप जानते हैं, हमारे पास
सूची है किसानों की जो पहले ४०००० रूपए बना रहे थे पहले, और अब एक वर्ष के भीतर ही
४००,००० बनाने लगे हैं| वे १० गुना अधिक आमदनी पा रहे हैं जैविक कृषि से, और वान भी
कम खर्चे पर|
२. भ्रष्टाचार: यह एक
बहुत बड़ा मसला है| विश्व भर में भ्रष्टाचार फैला हुआ है| मैं नहीं जानता यहाँ क्रोएशिया
में कैसा है, पर भारत में यह एक बहुत बड़ा मसला है| एशिया में भी ऐसा है|
क्या आप जानते हैं भ्रष्टाचार
वहाँ शुरू होता है जहाँ अपनेपन की भावना समाप्त होती है? कोई भी उन लोगों के साथ भ्रष्टाचार
नहीं करता जिनसे वह जुड़ा हुआ महसूस करे| वे केवल उस लोगों से रिश्वत लेते हैं जो उन्हें
अपने नहीं लगते, है ना? हमें यह बदन है| हमें एक आपसी सम्बन्ध का भाव बढ़ाना है|
यदि यहाँ क्रोएशिया में
हर व्यक्ति प्रण ले, “ना मैं रिश्वत दूंगा, न लूँगा”, केवल एक वर्ष के लिए भी, आप देखेंगे
पूरे राष्ट्र का चेहरा बदल जायेगा| क्या हम यह कर सकते हैं? जो भी यहाँ उपस्थित हैं,
देश में सब लोगों से बात करें|
देखिये, यहाँ ४० लाख लोग
हैं| भारत के मुकाबले यह बहुत बड़ा नहीं है| जिस शहर से मैं आया हूँ, बंगलुरु, उसकी
आबादी ८० लाख है, अर्थात क्रोअशिया से दुगनी| इस लिए, मुझे विश्वास है कि आप क्रोएशिया
को एक आदर्श राष्ट्र बना सकते हैं जब लोग इसमें भागीदार होंगे| यदि किसी को रिश्वत
लेने की बहुत तीव्र इच्छा हो, एक वर्ष प्रतीक्षा करिये, उसके बाद आप कर सकते हैं| यदि
आप यह प्रण लेते हैं, कि एक वर्ष तक, ना आप रिश्वत लेंगे, न देंगे, इस से बहुत बड़ा
बदलाव होगा|
कोई नियम, जबरदस्ती भ्रष्टाचार
को नहीं मिटा सकती| यह दिल से आएगा तभी होगा| जब समाज में मानवीय मूल्य विकसित होते
हैं, तो दुष्ट तत्व समाज से दूर हो जाते हैं|
३. नशा – लोगों को बहुत से वस्तुओं का नशा होता है; अश्लील फिल्मो और
साहित्य का नशा, शराब का नशा, ड्रग्स का नशा| हमें उनकी सहायता करनी चाहिए इस नशे से
मुक्त होने में| यहाँ के जेल, विश्व के और जेलों की तरह, लोगों से भरे हुए हैं इस नशे
के कारण|हम यहाँ के जेलों में काम कर रहे हैं, पर हमें सहायता करनी है ताकि लोग जेलों
में जाएँ ही नहीं|
इस लिए, हम सब एक अपराध
मुक्त, हिंसा मुक्त समाज की कल्पना कर सकते हैं|
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